हाॅर्न धीरे बजाओ,
मेरा देश सो रहा है।
मजबूरन लिखना पड़ा..
कि
अँग्रेजों के जुल्म सितम से,
फूट फूटकर रोया है।
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले,
देश हमारा सोया है।।
आजादी संग चैन मिला है,
पूरी नींद से सोने दे।
जगह मिले वहाँ साइड ले ले
हो दुर्घटना, होने दे।।
किसे बचाने की चिंता में,
क्यों तू इतना खोया है,
ट्राफिक के सब नियम पड़े हैं,
कब से बंद किताबों में।
जिम्मेदार सुरक्षा वाले,
सारे लगे हिसाबों में।
तू भी पकड़ा, सौ की पत्ती,
क्यों ईमान में खोया है?
मेरा देश है सिंह सरीखा,
सोये तब तक सोने दे,
राजनीति की इन सड़कों पर,
नित दुर्घटना होने दे।
देश जगाने की हठ में तू,
क्यूँ हाॅर्न बजाकर रोया है,
अगर देश यह जाग गया तो,
जग सीधा हो जाएगा।
पाक-चीन चुप हो जाएँगे,
और अमरीका रोएगा।।
राजनीति से शर्मसार हो,
गुलशन जन-मन रोया है।
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले,
देश हमारा सोया है….
देश हमारा सोया है……।